Thursday 18 October 2018

सरहद


मैं तीन मंज़िल के एक मकान मे रहता हु।
वो बालकनी जहा AC टेंगा हुआ है।   
तीसरी मंज़िल पे वही मेरा घर हैं।
मेरा घर एक सरहद का काम करता हैं। 
इसके एक ओर गगन चुम्बी इमारते हैं। 
इन इमारतों में सैंकड़ो घर है। 
इन घरो की खिड़कियों से मैंने किसी को भी।
कभी झांकते हुए नहीं है। 
शाम ढलते ही मनो रौशनी जो कैद है। 
इन्ही खिड़कियों से निकलने की कोशिश करती है। 
मैं खुद इसका गवाह हु। 
मेरे घर के दूसरी ओर एक बस्ती है। 
इन लोगो ने अपने माकन  ground floor 
तक ही सिमित रखा है। 
इन्हे नहीं पता की सरहद के उस ओर क्या है। 
यह मुझे मेरे किराये के मकान मे देख 
कर  सोचते है की यह बहुत अमीर हैं। 
यह सब मेरे घर में रौशनी कैद पते हैं 
मई खुद इसका गवाह हु। 
वो सरहद वाले। 
मेरे घर की उम्मीद मे है। 
और मै सरहद के उस ओर वाले की। 
कभी न कभी हमारे हालात बदलेंगे। 
सरहद के उस ओर वाले इस और आएंगे 
की नहीं यह तो समय को ही पता है। 
पर फ़िलहाल मेरा घर एक सरहद का काम करता हैं। 

                                                                    - साहिल 

Sunday 7 October 2018

ख़त

जब तुम्हारी तस्वीर देखता हु। 
तो कुछ इच्छाएं उठीती है मन मे।  
की तुम अगर इतनी दूर न होकर। 
मेरे करीब होती तो।
इन चिट्ठियों में तुम्हारी खुसबू न ढूंढ़ता होता। 
जो पिछले महीने की चिट्ठी जिसमे। 
मेरा नाम तुम्हारे एक आंसू की बूँद ने मिटा दिया था। 
संभाले रखीं है मैंने। 
काश के हमारे बीच इतनी दूरी न होती। 
तो  तुम्हे रोज़ गुदगुदी करके रुलाता। 
और तुम्हारे रूठ हो जाने पे पागलो सी हरकते करके मनाता। 
तुम्हे सुलाता अपनी बांहों में भरके। 
और सर्द सुबह मे अदरक के चाय की गरम। 
प्याली ला कर के जगाता। 
उन्ही सर्द रातों में तुम्हे ओढ़ता और तुम्हे ही बिछाते हुए। 
खुद तुम्हारे अघोष में सो पता। 
तुम्हारी हर अदा और नखरे को। 
अपनी कविताओं में कैद कर पाता। 
तो शायद यह पहाड़ सी ज़िन्दगी। 
आराम से कट पाती। 
पर हकीकत तो यह है। 
की तुम वहा हो और। 
मैं अपनी मजबूरियों के बोझ तले। 
दबा हुआ यहाँ हू। 
तुमसे बहुत दूर। 
यह कुछ इच्छाएं है मेरी जो इस खत में लिख भेज रहा हु। 
इसी वादे के साथ के गर इस ओर न पूरी हुयी यह। 
तो उस ओर पूरी ज़रूर करूँगा। 
मैं तुम्हारा था और तुम्हारा ही मरूंगा।

अवसरों की खोज में: एक आत्मविश्वास की कहानी

शहर की बेमिती पलकों में, वहाँ एक आदमी का रूप, बेरोज़गारी के आबा में लिपटा, अकेला दिल की धड़कन में, अवसरों के समुंदर में बहती एक अकेला आत्मा,...